Ashish Kumar

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हे वीणापाणि माँ सरस्वती लेखनी प्रतियोगिता -18-Apr-2023

हे वीणापाणि माँ सरस्वती

हे वीणापाणि माँ सरस्वती
तुम ज्ञान के सुर पिरोती माँ
मैं ठहरा अज्ञानी बालक
तुम तो हो ज्ञान की ज्योति माँ

स्वागत करूँ मैं तेरा दिल से
करके हंस सवारी आती माँ
भाग्य मेरा खुल जाता जो
तुम मन मंदिर में होती माँ

श्वेत कमल है आसन तेरा
श्वेत ही वस्त्र पहनती माँ
मन का अंधियारा दूर करो
सुन लो मेरी विनती माँ

मैं अबोध तेरी शरण में आया
तुम तो अवगुण हो हरती माँ
दे दो स्थान चरणों में मुझको
मैं हूँ कंकड़ तुम मोती माँ

विद्या बुद्धि बल दे दो मुझको
छोटा सा हूँ विद्यार्थी माँ
आओ विराजो जिह्वा पर
तुम तो हो ममता की मूर्ति माँ

आरती गाऊँ करूँ वंदना
बरसा दो अपनी प्रीति माँ
मुक्ति मार्ग खुल जाता मेरा
आशीष जो अपना देती माँ

                    - आशीष कुमार
                मोहनिया, कैमूर, बिहार

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4 Comments

Punam verma

19-Apr-2023 09:24 AM

Very nice

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Ashish Kumar

19-Apr-2023 01:13 PM

Thank you so much 😊😊🙏🙏

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Abhinav ji

19-Apr-2023 08:51 AM

Very nice 👍

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Ashish Kumar

19-Apr-2023 01:12 PM

जी बहुत-बहुत धन्यवाद 😊😊🙏🙏

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